Friday, 12 September 2014

सुरुम देख्नु तुहार गाउ, बनवा झारी मन परल

Gazal
सुरुम देख्नु तुहार गाउ, बनवा झारी मन परल 
भ्याट हुइल जब घर,मनैन खेत,बारी मन परल 

सजल देख्नु हर सिंगारमा मन थाम्ह नै सेक्नु
चुरिया गुरिया लाली तिक्ली लाल सारी मन परल 

बर बर आखी,बुल्बुली वाला भुत्ला गोर्हर गाल व
हाँथ भर भर लगाइल चुरियाके लारी मन परल 

मोर किल दोस नैहो मैया जोर्ली दुनुजे मिल जुलके 
हर पलम साथ देना तुहार जसिन नारी मन परल 

सुमित रत्गैया

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