गजल
दिनभर भुँख्ल जिउ ढर्ख मनाइ अट्वारी /
बल्गर देव भेवाँ पुजा कर्ख मनाइ अट्वारी //
ऎतिहासिक महत्व नुकल बा अट्वारी म /
जिउधन रक्षा मन्त्र पहर्ख मनाइ अट्वारी //
दिहे जाइ अग्ग्रासन दिदी बाबू हुकन सब्ज /
दिदी बाबु हुकन्के मन भर्ख मनाइ अट्वारी //
अल्ग पहिचान झल्कठ आदिवासी थारुन्के /
पर्व जनैना म लागि पर्ख मनाइ अट्वारी //
च्वाखा मन ले अग्र भाग अल्गाख पैल्ह /
सक्क ु ज महाँ अर्गर्ख मनाइ अट्वारी //
थारुन्के महान पर्व अट्वारिके उपलक्ष्यम सम्पुर्ण प्रिय मित्रजन अग्रज सुभचिन्तक तथा साहित्य्क मन हरु म हार्दिक मङ्गल्मय सुभकामना ब्यक्त गर्दछु /
बुद्दिराम चौधरी
डुरुवा ,6 धमकापुर दाङ्ग नेपाल
दिनभर भुँख्ल जिउ ढर्ख मनाइ अट्वारी /
बल्गर देव भेवाँ पुजा कर्ख मनाइ अट्वारी //
ऎतिहासिक महत्व नुकल बा अट्वारी म /
जिउधन रक्षा मन्त्र पहर्ख मनाइ अट्वारी //
दिहे जाइ अग्ग्रासन दिदी बाबू हुकन सब्ज /
दिदी बाबु हुकन्के मन भर्ख मनाइ अट्वारी //
अल्ग पहिचान झल्कठ आदिवासी थारुन्के /
पर्व जनैना म लागि पर्ख मनाइ अट्वारी //
च्वाखा मन ले अग्र भाग अल्गाख पैल्ह /
सक्क ु ज महाँ अर्गर्ख मनाइ अट्वारी //
थारुन्के महान पर्व अट्वारिके उपलक्ष्यम सम्पुर्ण प्रिय मित्रजन अग्रज सुभचिन्तक तथा साहित्य्क मन हरु म हार्दिक मङ्गल्मय सुभकामना ब्यक्त गर्दछु /
बुद्दिराम चौधरी
डुरुवा ,6 धमकापुर दाङ्ग नेपाल
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