GAJAL
पहिल पहिल मैँ टुँहार लागि समुन्द्र रनहुँ
आजट चैत वैशाखक सुख्खा गर्वा कलो
टुहाँर सक्कु आवश्यकता पुरा कर्टि कर्टि
टाँट होगैनु दाेस्स भुट्याईल फर्वा कलो
मैयाँ डेखनट टुहिँन् सुगन्धित बनैल रनहुँ
कसीन बाट सुवर कर्याईना बर्वा कलो
मिठ मिठ खओईल रनहु आप्पने पाख्खन
तर मन लागल ब्याला चलैना डर्वा कलो
#Admin : निष्ठुरी चिज
दाङ्ग धनौरी
दाङ्ग धनौरी
दामी
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