गजल
दिदी बाबुन सम्झती 'लेख अइनु अग्रासन ।
मनक पिर बिर्सती 'लेख अइनु अग्रासन ॥
बट्या हेर्ती बैठ्ल रहो झट् आइटु मै दिदी ।
घाम पानी नई कति 'लेख अइनु अग्रासन ॥
भेत घाँट कर्ना आश लेख् दिदी बाबुन से ।
काम काज रती रती 'लेख अइनु अग्रासन ॥
ढ्वाग सलाम कर्ती गोन्ड्री बिछाख देली ।
सुखक दुखक जती'लेख अइनु अग्रासन ॥
दिदी बाबुन सम्झती 'लेख अइनु अग्रासन ।
मनक पिर बिर्सती 'लेख अइनु अग्रासन ॥
बट्या हेर्ती बैठ्ल रहो झट् आइटु मै दिदी ।
घाम पानी नई कति 'लेख अइनु अग्रासन ॥
भेत घाँट कर्ना आश लेख् दिदी बाबुन से ।
काम काज रती रती 'लेख अइनु अग्रासन ॥
ढ्वाग सलाम कर्ती गोन्ड्री बिछाख देली ।
सुखक दुखक जती'लेख अइनु अग्रासन ॥
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