Sunday, 20 July 2014

ई जिन्गी औरक घर काम करके ओरागिल !!

गजल................... 
ई जिन्गी औरक घर काम करके ओरागिल !!
सद्दिमान डोसरक लाग लरके ओरागिल !!

केउ मुक्ति करैनै, केउ मजदुरके झन्डा बोकैनै 
आन्दोलन व युद्धम मरके ओरागिल !!

बहुत कुछ डेम कैक आश फे डेखैल 
वहे आशक बटिया हेरक ओरागिल !!

अधिकारके बात छोरो,पेटक चिन्ता बा 
ठंगेरल सम्झौतापत्र, सरके ओरागिल !!

- महेश कुचिला 
गजल परगा म संकलित बा |



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