Sunday, 10 August 2014

बर बर भुत्ला पाल्ख दादा बन्ना कलक हो

मुक्तक

बर बर भुत्ला पाल्ख दादा बन्ना कलक हो!
कानम मुन्द्रा घाल्ख दादा बन्ना कलक हो!!

लौव पाइन्ट फे काट्कुट पार्ख न आप !
२-४ ठाउँ म टाल्ख दादा बन्ना कलक हो!!

यम के कुसुम्या
मानपुर २ दाङ्ग

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