Monday, 4 August 2014

हेरइकखन लजइना यी -थरुनीयाक टेणवा डउल

गजल 

हेरइकखन लजइना यी -थरुनीयाक टेणवा डउल 
फदकैले हजुर कहना थरुनीयाक फदकावा डउल 

चोट लगले जऊ सुम्सुम्यावेके खस्ले त उठावेके
लरम हैने छिदलाहर उ -थरुनीयाक हथवा डउल

एक दिनक रमाइलोमा सदी ढारे लिचकी आवेके
सोदाने अङ्गालो कसेके थरुनीयाक सथवा डउल

आपन काखवाक सिरहनीयामा त केश खेलावेके
यस्ने करल स्वाद स्वाद थरुनीयाक बतवा डउल

हैने देखके हैने सुनके -ककरो साङ्हे हैने डेरावेके
आपसमा सङ्ही हेरइना थरुनीयाक मतवा डउल

यी सबकोरोके हसई -या गोछ्डाके मत्रा भुलावेके
कि बैशालु उमेरवामा त थरुनीयाक जतवा डउल

Gochhada ho Gochhada

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