Sunday, 3 August 2014

आब कहाँ देख मिलि भेग्वा पेर्हल पौवा धालल मनै।

भावना 

आब कहाँ देख मिलि भेग्वा पेर्हल पौवा धालल मनै।
के बचादी हमार पुर्यन्या रितीरिवाज जोगैना मनै।।

कन्धमन जबिया सिर म टोपी हाँथ मन तेक्नी लेहल मनै।
गाडी घोडा कुछुनै चहठीन छबुवा लगाके आपन सुर मे नेङ्गना मनै।।

ना देखे मिलत पुर्यन्या गित बाँस ओ मिर्दनग्या मनै।
पुठ्ठ म नेहङ्गा फरीया घेचम सुत्या हाँथम तरीयाँ बाका बिजायत घालल मनै।

Ganga Dangara

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