Friday, 14 March 2014

भावना रूपी गजल

Kusmi Sagar
गजल
कोई गैल मुटुहे फोेंफर बनाके ।
कोई गैल सारा डेंह खाेंखर बनाके ।

यादगार जिन्गीक् जरुर लिख्बुँ काहेकी,
कोई गैल इ जिउहे ढोढर बनाके ।

गहरा बाँन्ढ बाँन्ढके खेती कर्टी रहुँ,
कोई गैेल ऊ गहरम् गोगर बनाके ।

सिनासम टे सिलुँ झे लेकिन नै सेक्लुँ,
कोई गैल सिउनमे डोंडर बनाके ।

कत्रा ऐलाँ कत्रा गैंलाँ सगरम् लहाई,
कोई गैल सागरहे नोेडर बनाके ।
सागर कुश्मी ९८४८४७००६०

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