गजल
होलि ख्याल तोहनसे*डरैठु*क ठी म्वार बन्दिदी।।
जबर्जस्ति खेलैठ त*गरैठु*कठी म्वार बन्दिदी।।
डर लागट सुन्क केल्हक जाँर निपिना मनै मै,
निडोस्लसे डोन्या कपारिम*बरैठु*क ठी म्वार बन्दिदी।।
नाचगान कर्बी सक्कुज सहमतिसे रंग खेलैबि,
अस्टक मैयाँ सँट्ना मन*परैठु*कठी म्वार बन्दिदी।।
रंग लगैबो ट अइहो काल बनघुस्रीक बन्वाम,
डुपहरक वहाँ छेग्री*चरैठु*क ठी म्वार बन्दिदी।।
निडेठुँ दुख किहु निछिन्ठुँ अधिकार मै औरक,
स्वतन्त्र होक खुशिले मन*भरैठु*कठी म्वार बन्दिदी।।
सुरज बर्दियाली
होलि ख्याल तोहनसे*डरैठु*क
जबर्जस्ति खेलैठ त*गरैठु*कठी म्वार बन्दिदी।।
डर लागट सुन्क केल्हक जाँर निपिना मनै मै,
निडोस्लसे डोन्या कपारिम*बरैठु*क
नाचगान कर्बी सक्कुज सहमतिसे रंग खेलैबि,
अस्टक मैयाँ सँट्ना मन*परैठु*कठी म्वार बन्दिदी।।
रंग लगैबो ट अइहो काल बनघुस्रीक बन्वाम,
डुपहरक वहाँ छेग्री*चरैठु*क
निडेठुँ दुख किहु निछिन्ठुँ अधिकार मै औरक,
स्वतन्त्र होक खुशिले मन*भरैठु*कठी म्वार बन्दिदी।।
सुरज बर्दियाली
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