Saturday, 8 March 2014

तु त् औरजनह्क कहल बात पत्यईलो काजे 
निहुईना हल्ला सुनख मही लत्यईलो काजे 

ज्या ज्या हुईल होगिल उ बाट भुलतो त् हुईत
दुनियाक आघ सतुर्क माझ उबात भत्तेईथो काजे 

आमिन्फे म्वर मन तुहार संघ रम चाहथा 
बिना गल्तिक म्वार मनक आत्मियता हत्ठेईलो काजे 

मैत बोल्थु सहि बात तु सुन्ना मन नि करतो 
महि बाध्यतम पार्ख जिबन भर सतैलो काजे 

कुमार चौधरी 
चितवन नेपाल

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