Sunday 2 March 2014

कविता

रम्ट रम्टम (कविता)

–सुशील चौधरी

Sushil Daju

सुनसान्

गल्लीम
डम डम डमरु बाजठ

रम्टक ¥याला बहठ
अंगना, बहरी, कोनटीम
बारी ब्युँरा व खेन्हवाम
ज्वान, बुह्राइल, ढिह्रयाइल सवजन

खन्हेइठ साँक्कीर गल्लीम
रम्ट रम्टम । १।
डमरु बाजठ तालम
कलकर्हवा गाइठ सुरम
रमकल्ली, लाल मुह चुम्रइटी
खियाइल दाँट गिज्रइटी
हस्टी, आँख चम्कैटी
सुखल पुठ्ठम बलटल अंटकल
लेहंगा फेंक्रइटी , घुँघना बजैटी
नाचठ् बिचारी
रम्ट रम्टम । २
का भन्सर्या, का पन्हेन्र्या
का भैसर्वा का गयरुवा
का पहुना का ठिहुना
का नकोन्डी का चकोण्डी
सेक नासेक लेंरी उच्यइटी, ढ्यावर चट्टी
डेह मस्कैटी, भाउँ सर्कइटी
राम हेर्ठ रामकल्लीक
रम्ट रम्टम ।३।
भन्सर्यक भाट जरिसकी , सुवर चोच्चाइस्
गैयरुवक गोरु हैखाइस् की हेराइस्
चौकीडर्वक दिन बुरस् की अंगुछा छुटस्
सब रठ , मस्टराम मस्तीम
चाहे,आगी लाग बस्तीम
कल्कह्रोक
रम्ट रम्ट म । ४ ।
रम्टेहवन्के रम्टा हेर्ना दाउ
कल्कह्रोक सिढा सिमोट्ना दाउ
रामकल्ली राम देखैना
कल्कह्रवा काला देखैना
ढक्यक ढक्या चाउर
उँजरक उँजरा दाल
मुट्ठ्रयाभर मिर्चा
पसराभर न्वान
सिढ्वइटी रहठ, कल्कह्रवा
रम्ट रम्ट म ।५ ।
पर्चल गिड्रा अस
हरसाल आइठ साहाम,
कबु बन्ड्रा ट कबु भल्वा
कबु काला ट कबु सप्वा
नचाइठ कल्कह्रावा
सिढा लैजाइठ खान खान
पार्क कुठ्ली सुनसान
रम्ट रम्ट म । ६)

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