Tuesday, 22 April 2014

रमिता चौधरी मन्जरी

मुक्तक

आपन भाषा संस्कृति मै रमिठु सद्द भर
लहङ्गा चोल्या घाटीम गुर्या लगिठु सद्द भर

हमार संस्कृति हमार पहिचान हो कै ख
गाउँ बजार सक्कु होर चर्चा चलिठु सद्द भर

रमिता चौधरी मन्जरी
दाङ्ग

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