गजल
फिलिम हेरे गैलु, इहे
जडियाक् संग
मन, मुटु सट्लु, इहे
जडियाक् संग
झुठ बोल्के दाइ बाबा से
नुक नुक भग्लु इहे जडियाक्
संग
सुग्घर सप्ना व कल्पना
कर्ति
संङ् संगरिया छोड्के नेङ्लु
इहे जडियाक् संग
थुक्क! धिक्कार बा जिन्दगी मोर
सौतिन्या पर पो अइलु
इहे जडियाक् संग
घरम शान्ती नि हो, रात दिन झगडा किल
धेर द:ख पैलु इहे जडियाक्
संग
फिलिम हेरे गैलु, इहे
जडियाक् संग
मन, मुटु सट्लु, इहे
जडियाक् संग
झुठ बोल्के दाइ बाबा से
नुक नुक भग्लु इहे जडियाक्
संग
सुग्घर सप्ना व कल्पना
कर्ति
संङ् संगरिया छोड्के नेङ्लु
इहे जडियाक् संग
थुक्क! धिक्कार बा जिन्दगी मोर
सौतिन्या पर पो अइलु
इहे जडियाक् संग
घरम शान्ती नि हो, रात दिन झगडा किल
धेर द:ख पैलु इहे जडियाक्
संग
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