Wednesday 9 April 2014

निष्ठुरी चिज

आजकालके लर्का कठ 
डाईन माम्मु 
बाबान बुवा
फुफु ,फुईन आन्टी 
काकान अङ्कल

लर्कन कह सिखैना हाम्र ,दोष लर्कनक नाही हमार हो ।

दोस हाम्र कठी ......

थारू भाषा बचाई परल 
थारू संस्कार बचाई परल 
थारू संस्कृति बचाई परल 
थारू भेषभुषा बचाई परल 
थारू पहिचान बचाई परल 

म्वा ठीहुन बचि थारू भाषा 
म्वा ठीहुन बचि थारू संस्कार 
म्वार ठीहुन बचि थारू संस्कृति 
म्वा ठीहुन बचि थारू भेषभुषा 
म्वा ठीहुन बचि थारू पहिचान 

बाटकेल कर्ठि 
आपसम लर्ठि

जब पर लग्ठा 
पाछपाछ सर्ठि 

उहोट कठ जे " थारू गोरू भित्ता फोरू "

सब चुपचाप चुपचाप चुपचाप 
थुक्क !!!!!!!!

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