सक्कुहुन बँध्ना चिज एकथो मैंया, 'प्रित' मैगर |
नात भरिम सबसे भारी मजा नात 'मित' मैगर ||
मोर मनके भाव बुझो टुँ गोचाली अब्तो हाली |
मिल्के सब्जे गाई हम्रे मिठ-मिठ 'गीत' मैगर ||
एक-एक मिलाके हजार हुइत गोचाली उहेतो |
हर दु:ख पलमे मिलत सुखदमय 'जीत' मैगर ||
अंग्ना सुहावन, बनवा सुहावन तोहार साथले |
उहे मजा संघारी नातके बरसाई 'शीत' मैगर ||
---रामचन्द्र---
कैलाली, नेपाल
नात भरिम सबसे भारी मजा नात 'मित' मैगर ||
मोर मनके भाव बुझो टुँ गोचाली अब्तो हाली |
मिल्के सब्जे गाई हम्रे मिठ-मिठ 'गीत' मैगर ||
एक-एक मिलाके हजार हुइत गोचाली उहेतो |
हर दु:ख पलमे मिलत सुखदमय 'जीत' मैगर ||
अंग्ना सुहावन, बनवा सुहावन तोहार साथले |
उहे मजा संघारी नातके बरसाई 'शीत' मैगर ||
---रामचन्द्र---
कैलाली, नेपाल
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