दुपहरिया गर्मी मर्ना चैनार बगिया हेराइल |
उहे संगे रुखुवक मिठमिठ अमिया हेराइल ||
घरअंगना सुहावन मग-मग महकना फूला |
चम्फा, चमेली फूला फूल्ना दहिया हेराइल ||
गाउँक पश्चिउ बाह्रो मास खलखल करती |
जुर, कन्चन पानी बहना लड़िया हेराइल ||
कुर्ता, भेस्ट, जिन्सेक पैंतम समाज सजके |
यहाँ आज सुन्दर झोहवर गतिया हेराइल ||
जमाना बदली कहै पुर्खनके, गोचाली हुक्रे |
कह-कहती नाकेक फेंफी, नथिया हेराइल ||
---रामचन्द्र---
मुनुवा-४, कैलाली
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