Friday, 16 May 2014

गजल








मग-मग महकना दौना-बेबरीक अमुल्य हार देउ महि | 
थारु भाषाक गीत-बाँस सजना, मैना, धमार देउ महि || 

बर्खामास पानी बुँदा, सजना गीतले खेत्वा चैनार रहना |
तिह्वार पिछे गीत हमार गज़ब मिठ बर्किमार देउ महि ||

माघेम सखिया नाच, दशैं हुर्दुन्ग्वा, भोजेक मागर संगे |
बाह्रैमास बज्ना मिठ, सुहावन मन्द्रक छंकार देउ महि ||

छुटै भाषा हमार, पहिचान फे छुटै, मिल्के रहना समाज |
समाजमे सबजे मन्ना मैगर, मज्जा संस्कार देउ महि ||

---रामचन्द्र---
कैलाली, नेपाल





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