Monday, 5 May 2014

Budhhi Chaudhari

गजल

हमार मैयाँ बहइबि सद्द पानी असक सललल !
नै ओरैना नहि सुख्ना खानी असक सललल !!

रमइना हँस्ना बोल्ना का पो लेख जैना बा जे !
दुखम फे सुखक जिन्दगानी असक सललल !!

धन के गरिब रलसेफे मन के मैफे राजा बाटु !
तुँ मै मिल्ख रबि राजा रानी असक सललल !!

दुई दिनिक च्वाला हो कठ मनैभक जुनी सानू !
अ्मर बनैबी मैयाँ राम कहानी असक सललल !!

जीवन भर के लाग हो मैयाँ एक्कघरीक लागि निहो !
बाँचट सम्म कर्बी मैयाँ जवानी असक सललल !!

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