Friday, 13 June 2014

कुछु करे देउ

गजल

मधेसी कहता ई सरकार महि कुछ करे देउ
छोरो छोरो मोर दाई बाबा महिन लरे देउ

थारु लाटा गोंगा कनै अत्र दिन चुपाइल रनु
अब् हमार पहिचान छिन्ता मारे चहा मरे देउ

पहिले हमार जगा छिन्नै तबजाके कमैया कनै
अस्तेके पाछे करैती रहिँहि अब आघे सरे देउ

खेती पाती कर्के पल्ती आइल भुमीपुत्र थारु
अन्न धर्ना घरेक कोन्वाम भाला बर्छी धरे देउ

धिरेसे मेतैतिबा हमार थारुन्के अस्तित्व दाई
काल हमार कुछ्नै रहि आजुसे लागे भिँरे देउ

लाछु दंगौरा थारु
धनसिंहपुर ८रोहनिबोझिया (कैलाली)

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