गजल
यी साल जाेश जाँगर लगाके खेती करम मै ।
बाेरिङ पम्सेटके पानी चलाके खेती करम मै ।।
अापन मेहनटके फल तुरम खेत्वा बारीमसे ।
कुल्वा नहरके सिँचाइ बनाके खेती करम मै ।।
खेत्वम करंगी,बासमती,अन ्डी धान लगैम ।
हिलाकिचाम हाँठ गाेरा सराके खेती करम मै ।।
बर्डा,भैँसा,हर लेके जाेत जैम भिन्सारके खेत्वम ।
पछ पछ बाँउ बाँउ कटि बातले हर्हाके खेती करम मै ।।
धान लगाक अाेराइल दिन खेत्वम खुशियाली ।
हर्दह्वा खेलबेर मन्द्रा बजाके खेती करम मै ।।
सेबेन्द्र कुसुम्या
हसुलिया ८ कैलाली
https://www.facebook.com/tharusahitykekhojji
यी साल जाेश जाँगर लगाके खेती करम मै ।
बाेरिङ पम्सेटके पानी चलाके खेती करम मै ।।
अापन मेहनटके फल तुरम खेत्वा बारीमसे ।
कुल्वा नहरके सिँचाइ बनाके खेती करम मै ।।
खेत्वम करंगी,बासमती,अन
हिलाकिचाम हाँठ गाेरा सराके खेती करम मै ।।
बर्डा,भैँसा,हर लेके जाेत जैम भिन्सारके खेत्वम ।
पछ पछ बाँउ बाँउ कटि बातले हर्हाके खेती करम मै ।।
धान लगाक अाेराइल दिन खेत्वम खुशियाली ।
हर्दह्वा खेलबेर मन्द्रा बजाके खेती करम मै ।।
सेबेन्द्र कुसुम्या
हसुलिया ८ कैलाली
https://www.facebook.com/tharusahitykekhojji
No comments:
Post a Comment
https://www.facebook.com/tharusahitykekhojji