गजल
थारू साहित्य हरपल चाहल बा//
सक्कु क्षेत्र मसे पहल चाहल बा//
लगाइ बल मिल्के सक्कु युवाहुक्र,
देश हिलैना जोश प्रबल चाहल बा//
असिख बिल्ला जाइ गितबाँस् हमार,
बचाइक लागि मल/जल चाहल बा//
पुरुब पच्छिउँ से उत्तर दक्खिन से,
उच्च स्तरीय छलफल चाहल बा//
झट्ट उठि आपन गाउँ ठाँउ से हम्र,
आज थारू साँस्कृतिक दल चाहल बा//
सुरज बर्दियाली
#जय_थारू_साहित्य
थारू साहित्य हरपल चाहल बा//
सक्कु क्षेत्र मसे पहल चाहल बा//
लगाइ बल मिल्के सक्कु युवाहुक्र,
देश हिलैना जोश प्रबल चाहल बा//
असिख बिल्ला जाइ गितबाँस् हमार,
बचाइक लागि मल/जल चाहल बा//
पुरुब पच्छिउँ से उत्तर दक्खिन से,
उच्च स्तरीय छलफल चाहल बा//
झट्ट उठि आपन गाउँ ठाँउ से हम्र,
आज थारू साँस्कृतिक दल चाहल बा//
सुरज बर्दियाली
#जय_थारू_साहित्य
No comments:
Post a Comment
https://www.facebook.com/tharusahitykekhojji