Thursday, 12 June 2014

थारू साहित्य

गजल

थारू साहित्य हरपल चाहल बा//
सक्कु क्षेत्र मसे पहल चाहल बा//

लगाइ बल मिल्के सक्कु युवाहुक्र,
देश हिलैना जोश प्रबल चाहल बा//

असिख बिल्ला जाइ गितबाँस् हमार,
बचाइक लागि मल/जल चाहल बा//

पुरुब पच्छिउँ से उत्तर दक्खिन से,
उच्च स्तरीय छलफल चाहल बा//

झट्ट उठि आपन गाउँ ठाँउ से हम्र,
आज थारू साँस्कृतिक दल चाहल बा//

सुरज बर्दियाली
‪#‎जय_थारू_साहित्य 

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