Friday, 20 June 2014

ओजरीया रातमा ह्यता

गजल

ओजरीया रातमा भ्यता आईलि मोर काली।।
सुन्दर सपना सजल गित गईली मोर काली।।

गाउमा चर्च टोलमा चर्च सब ठाउँ हूकार नाउँ।।
सक्कुहनक मनमा डेरा जमाईली मोर काली।।

कबु दुपहरि घामम कबू साउने बर्खम।।
कयाल बद्री बनका वारपार छाईली मोर काली।।

सब जान हूकार पछ पर्लसे फे ।।
तबु फे महिन कजे मनमा सजाईली मोर काली।।


मस्तराम थारु
महुवा बर्दिया
नेपाल

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