Wednesday, 11 June 2014

हमे थारू पुराण संस्कृति

*** थारु भाषामा गजल***

हमे थारु पुरान संस्कृति बचाईनामा लगे पर्ना बा!
सक्कु युवा युवाती हुक्रा एक जुत होके जगे पर्ना बा!!

कानमा तेल लगके चुपचाप नाई बाईथो थारु हुक्रे!
अपन हक अधिकार ई सरकार से मगे पर्ना बा!!

हम्रे हुईती थारु समाज तराईके आदीबसी हुक्रा!
हमार थारु समाज मानसे मधेसी हे भगे पर्ना बा!!

चट मग्नी पट भोज नकारो तुहारे थारु यवा हुक्रा!
हमार पुरान भोज जस्ते गोला जेउनास दगे पर्ना बा!!

नाई भुलाईहो अपन घरके मान मर्यादा गोही गोचा!
थरुनके घर-घरमा फेरुवं भौका तगे पर्ना बा!!

"""""टेट राम चौधरी प्रदेसी""""
               बर्दिया सोनपुर
                हाल मलेशिया

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