Monday, 30 June 2014

कन्चन लडिएक पानी हस

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गजल

कंचन् लदियक् पानी हस् ई मोर् मैगरमैया
नाजैहो बिच् दग्राम् बिस्राके छोर् मैगरमैया

शुन्दर फुलासे भरल् ईमोर फुलरिया मसे
डर् लाग्त् कोई भौँरा नालेहे चोर् मैगरमैया

लदियाओ शमुन्दरके सच्चा उमिलन् हस्
लागत् आझि तुहिन्से लिउँ जोर् मैगरमैया

सप्ना भरल् जिउलैके तोहार् अस्राम् बाटुँ
ईहि माटीक् भाँराहस् नदेहो फोर् मैगरमैया

खुसी मोर् तुहिहोउ दुखीरही मोर् कम्जोरी
हाँठ्देबोतो साठ्देम् बाटोहारेओर् मैगरमैया

लाछु डंगौरा थारु
कैलाली

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