गजल
सक्कुज आब कलम चलाइ थारु भाषा साहित्य म /
स्याकल सहभागिता जनाइ थारु भाषा साहित्य म //
कौनो जन गजल मुक्तक हस्योली ठट्योली लिखी /
गित कबिता कथा ले भराइ थारु भाषा साहित्य म //
रुक्टि जैना सुख्टि हेरइना नाही हम्र मुल बनपरल/
भाषिक शब्द सागर बहाइ थारु भाषा साहित्य म //
पुर्खा हुक्र अग्रज हुँक्र आघ सर्ख नेङ्ग्ना /
अइना पिढिन डगर देखाइ थारु भाषा साहित्री म //
शिक्षा डेना सन्देश डेना लिख परल सक्कुजन /
अधिकार के आवाज उठाइ थारु भाषा साहित्य म //
बुद्धिराम चौधरी
डुरुवा ६ धमकापुर दाङ्ग नेपाल
सक्कुज आब कलम चलाइ थारु भाषा साहित्य म /
स्याकल सहभागिता जनाइ थारु भाषा साहित्य म //
कौनो जन गजल मुक्तक हस्योली ठट्योली लिखी /
गित कबिता कथा ले भराइ थारु भाषा साहित्य म //
रुक्टि जैना सुख्टि हेरइना नाही हम्र मुल बनपरल/
भाषिक शब्द सागर बहाइ थारु भाषा साहित्य म //
पुर्खा हुक्र अग्रज हुँक्र आघ सर्ख नेङ्ग्ना /
अइना पिढिन डगर देखाइ थारु भाषा साहित्री म //
शिक्षा डेना सन्देश डेना लिख परल सक्कुजन /
अधिकार के आवाज उठाइ थारु भाषा साहित्य म //
बुद्धिराम चौधरी
डुरुवा ६ धमकापुर दाङ्ग नेपाल
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